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विद्यालय वार्षिकोत्सव निबंध | School Anniversary Essay

 विद्यालय वार्षिकोत्सव निबंध

विद्यालय वार्षिकोत्सव अन्य वार्षिकोत्सव के समान ही व्यापक स्तर पर होता है. यह उत्सव प्रतिवर्ष एक निश्चित समय पर ही होता है. इसके लिए सभी विद्यार्थी के ही सदस्य नही अपितु इससे सम्बन्धित सभी सामाजिक प्राणी भी तैयार रहते है.


हमारे विद्यालय वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष 13 अप्रैल की बैसाखी के शुभावसर पर होता है. इसके लिए लगभग पन्द्रह दिनों से ही तैयारी शुरू हो जाती है. हमारे कक्षाध्यापक इसके लिए काफी प्रयास किया करते है. वे प्रतिदिन की होने वाली तैयारी और आगामी तैयारी के विषय में सूचनापट्ट पर

लिख देते है. हमारे कक्षाध्यापक विद्यालय के वार्षिकोत्सव के लिए नाटक, निबंध, एकांकी, कविता, वाद विवाद खेल आदि के लिए प्रमुख और योग्य विद्यार्थियों के चुनाव कर लेते है. कई दिनों के अभ्यास के उपरान्त वे योग्य और कुशल विद्यार्थियों का चुनाव कर लेते है. इस चुनाव के बाद वे पुनः छात्रों को बार-बार उनके प्रदन्त कार्यो का अभ्यास कराते रहते है.


प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारे विद्यालय के वार्षिकोत्सव के विषय में प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित हो गया. इससे पूर्व विद्यालय के निकटवर्ती सदस्यों को इस विषय में सूचित करते हुए उन्हें आमंत्रित कर दिया गया.


प्रदेश के शिक्षा मंत्री को प्रमुख अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. जिलाधिकारी को सभा का अध्यक्ष बनाया गया. विद्यालय के प्रधानाचार्य को अतिथि स्वागताध्यक्ष  का पदभार दिया गया. हमारे कक्षाध्यापक को सभा का संचालक पद दिया गया.


विद्यालय के सभी छात्रों, अध्यापकों और सदस्यों को विद्यालय की पूरी साज सज्जा और तैयारी के लिए नियुक्त किया गया. इस प्रकार के विद्यालय के वार्षिकोत्सव की तैयारी में कोई त्रुटी नही रहने पर इसकी पूरी सतर्कता रखी गई.



विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन अर्थात 13 अप्रैल बैशाखी के शुभ अवसर पर प्रातः सात बजे से ही विद्यालय की साज-सज्जा और तैयारी होने लगती है. आठ बजते ही सभी छात्र, अध्यापक और सदस्य अपने-अपने सौपें हुए दायित्वों को सम्भालने लगते है.


अतिथियों का आना जाना शुरू हो गया. वे एक निश्चित सजे हुए तौरण द्वार से प्रवेश करके पंक्तिबद्ध कुर्सियों पर जाकर बैठने लगे थे. उन्हें सप्रेम बैठाया जाता था. कार्यक्रम के लिए एक बहुत बड़ा मंच बनाया गया था.


वहां कई कुर्सियों और टेबल अलग-अलग श्रेणी के थे. लाउड स्पीकर के द्वारा कार्यक्रम के सम्बन्ध में बार-बार सूचना दी जा रही थी.


ठीक दस बजे हमारे मुख्य अतिथि प्रदेश के शिक्षा मंत्री, सभाध्यक्ष जिलाधिकारी और उनके संरक्षकों की हमारे स्वागतध्यक्ष प्रधानाचार्य ने बड़े ही प्रेम के साथ आवभगत की और उन्हें उचित आसन प्रदान किया. हमारे कक्षाध्यापक ने सभा का संचालन करते हुए विद्यालय से कार्यक्रम सम्बन्धित सूचना दी. इसके उपरान्त प्रमुख अतिथि शिक्षा मंत्री से वक्तव्य देने के लिए आग्रह किया. प्रमुख अतिथि के रूप में माननीय शिक्षामंत्री ने सबके प्रति उचित आभार व्यक्त करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला. विद्यार्थियों को उचित दिशाबोध देखर विद्यालय के एक निश्चित अनुदान की घोषणा की जिसे सुनकर तालियों की गडगडाहट से सारा वातावरण गूंज उठा. इसके बाद संचालक महोदय के आग्रह पर सभाध्यक्ष जिलाधिकारी ने संक्षिप्त वक्तव्य दिया. फिर संचालक महोदय के आग्रह पर स्वागताध्यक्ष हमारे प्रधानाचार्य ने सबके प्रति आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय की प्रगति का विस्तार से उल्लेख किया. बाद में संचालक महोदय ने मुख्य अतिथि से आग्रह करके पुरस्कार के घोषित छात्रों को पुरस्कृत करवाया अंत में सबको धन्यवाद दिया. सबसे अंत में मिष्ठान वितरण हुआ. दुसरे दिन सभी दैनिक समाचार पत्रों में हमारे विद्यालय के वार्षिकोत्सव का महत्व प्रकाशित हुआ जिसे हम सबने ही नही प्राय: सभी अभिभावकों, संरक्षको ने गर्व का अनुभव किया.

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